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बिना दरवाज़े वाले घर से चाँद

bina darwaze wale ghar se chand

कमल जीत चौधरी

कमल जीत चौधरी

बिना दरवाज़े वाले घर से चाँद

कमल जीत चौधरी

और अधिककमल जीत चौधरी

    वह मेरी अभिन्न

    हँसकर विश्वासपूर्वक कहती है

    जानते हो

    चाँद पर

    घर, आँगन और खेत

    एक दूसरे में होते हैं

    वहाँ संधों

    साँकलों और चिटकनियों में फँस

    हाथ ज़ख़्मी होने से बच जाते हैं

    दरअसल,

    वहाँ दरवाज़े नहीं होते

    फिर चोर होने का सवाल ही कहाँ

    वह ठठाकर कहती है :

    'और यहाँ दरवाज़े वाले घर हैं कि

    चौकीदार से भी डरते हैं'

    चाँद पर

    एक दूसरे के पाँव पहचानते लोग

    छातों को

    पालतू जानवरों की तरह

    बग़ल में दबा कर चलते हैं

    वहाँ आईने नहीं होते

    लड़कियों को दीवार पर परछाई देखकर

    सिंगार करने की कला आती है

    लड़के माँ की आँखों से

    ख़ुद को देख लेते हैं

    और माँ!

    माँ का नाम सुन

    वह उदास हो जाती है

    फिर शून्य में ताकती कहती है

    जाने क्यों

    माँ वहाँ भी अपने आपको नहीं देखती

    ऐसा आभास होता है

    वह चाँद की शोधकर्ता है

    वह अनेक कहानियाँ सुनाती है

    वह बताती है

    चाँद पर पेड़

    कुल्हाड़ियों से नहीं डरते

    उनकी जड़ें

    लोगों के सपनों में होती हैं

    सपनों की चाबी किसी ईश्वर के हाथ नहीं होती

    वहाँ नदियाँ

    कंठ में खेलती हैं

    पानी की ज़रूरत पड़ने पर

    लोग गीत गाते हैं

    घड़े लबालब भर जाते हैं

    कितनी अच्छी बात है

    चाँद पर

    पतलून और क़मीज़ों की जेबें नहीं होतीं

    मुट्ठियाँ ख़ुश रहती हैं

    वह एक कविता सुनाती

    बात जोड़ती है

    राम नहीं

    चाँद अपने अपने-होने चाहिए

    कितना अच्छा सोचती हो मेरी दोस्त!

    मैं अच्छी तरह जानता हूँ

    दरवाज़ों वाले घर में रहकर

    चाँद के बारे में ऐसा नहीं सोचा जा सकता

    बिना दरवाज़े वाले तुम्हारे घर को

    मेरा कोटि-कोटि प्रणाम!

    स्रोत :
    • रचनाकार : कमल जीत चौधरी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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