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तीस की उम्र में ब्रेकअप

tees ki umr mein brekap

अरमान आनंद

अरमान आनंद

तीस की उम्र में ब्रेकअप

अरमान आनंद

और अधिकअरमान आनंद

    कविता जानती है

    कि उसकी जवानी मुट्ठी में बंद रेत है

    पिछले पाँच ब्रेकअप में तीन तो नादानी में हो गए

    चौथा उससे कम उम्र का था

    इसलिए शादी के मूड में नहीं था

    और पाँचवाँ

    बेहतरी के तलाश में

    कुछ और कम उम्र की

    और कुछ कम फ़्रस्टेटेड लड़की की तलाश में निकल गया

    कविता को शुरुआत में जींस बिलकुल भी पसंद नहीं थी

    लेकिन उम्र की ढलान आने लगी है

    तो उसने जींस पहनना शुरू कर दिया है

    उसे ऐसा महसूस होता है

    कि इसमें उसकी उम्र कुछ कम लगती है

    नितंबों का उभार कुछ और खिलता है

    लड़कों के दिल में

    उसके लिए प्यार कुछ और खिलता है

    बालों की स्ट्रेटनिंग

    और मेकअप ने तीस से छब्बीस तो बना ही दिया है

    लेकिन सोच पर उम्र का असर तो ही जाता है

    अबकी बार जो भी मिलेगा

    मज़ा लेकर निकल जाने नहीं देगी कविता

    पहले पूछेगी

    शादी तो करोगे

    सुनो

    मैं उस टाइप की लड़की नहीं हूँ

    एक ज़िस्म भर नहीं हूँ मैं

    सिर्फ़ फ़िल्में देखने

    और साथ घूमने वाली भी नहीं हूँ

    मैं सब समझती हूँ

    सब जानती हूँ

    कविता ने एक लिस्ट बनाई है

    वह वो सब पूछेगी

    जिसके बिना पर पिछले सारे लड़कों ने

    उसे ब्रेकअप दे दिया था

    क्योंकि अब उसके पास ग़लतियाँ

    करने भर की उम्र नहीं बची है

    अब प्यार भी उसी से करेगी जो शादी करेगा

    हो तो यह भी सकता है

    कि वह पहले शादी कर ले

    फिर उसे उसी से प्यार हो जाए

    जैसा मम्मी और पापा को हुआ

    बुआ और फूफा को हुआ

    लेकिन वे सारी बग़ावती बातें

    जो हॉस्टल में उसने अपनी सहेलियों को

    आलोकधन्वा की कविता पढ़कर सुनाते हुए समझाई थीं

    ओह! कैसे मुँह दिखाएगी सहेलियों को

    वैसे कहाँ लिखा है कि शादी की ही जाए

    लेकिन कविता को दुल्हन बनने का बड़ा शौक़ है

    वह अपनी शादी में बिल्कुल वैसा ही लहँगा

    बनवाएगी जैसा कटरीना ने फ़िल्म में पहना था

    कविता ने 'दिलवाले दुल्हनियाँ...' कई-कई बार देखी है

    बचपन में राज-राज चिल्लाती सरसों के खेत में

    बावली-सी दौड़ा करती थी

    प्यार तो बेहद ज़रूरी चीज़ है

    बिना प्यार के कैसे जी पाएगी वह

    और सच भी तो है

    कोई कैसे किसी से बिना देखे, मिले या जाने शादी कर ले

    प्यार होना ज़रूरी होता है

    क्या एक बार और प्यार किया जा सकता है

    क्या एक बार और कहा जा सकता है

    कि मैं बस तुम्हारे लिए बनी हूँ

    मैं बस तुम्हारे लिए जीना चाहती हूँ

    मैं बस तुम्हारे लिए मरना चाहती हूँ

    और वह बस यह कह दे

    हाँ, मैं तुमसे शादी करूँगा

    कविता ने इसके अलावा

    दुनिया का हर लफ़्ज़ सुना है

    सिवाय इसके

    तीस की उम्र में ब्रेकअप

    आपको रोने भी नहीं देता ठीक से

    हॉस्टल का पंखा कितना धीमे-धीमे चलता है

    उसे अब ख़याल आया है

    जून के महीने में ब्रेकअप नहीं करना चाहिए था उसे

    गर्मी से वैसे ही सिर फट रहा है

    दिल टूटने से या गर्मी से

    किससे परेशान होऊँ समझ नहीं आता

    पिछले तीन साल से उसने कहाँ ध्यान दिया था

    उसके कमरे की खिड़की से

    एक लड़कों वाला हॉस्टल दीखता है

    दो मैना और एक कबूतर रोज़ उसकी खिड़की पर आते हैं

    आजकल वह जब भी हॉस्टल लौटती है

    एक बात ग़ौर करती है

    जिन लड़कियों के प्रेमी हैं

    उनकी खिड़कियों पर शीशे रखे होते हैं ख़ाली उदास-से

    और जिनका ब्रेकअप हो चुका होता है

    उनकी खिड़कियों पे वो ख़ुद होती हैं

    शीशों की तरह

    कविता कहीं भाग जाना चाहती है

    लेकिन कहाँ

    किसके साथ

    उसके कानों में आलोकधन्वा की थरथराती हुई आवाज़ गूँजती है :

    ''लड़की भागती है

    तो क्या ज़रूरी है उसके साथ

    कोई लड़का भी भागा हो

    लड़की भागती है

    दर्शकों से भरे जगर-मगर स्टेडियम में...''

    कविता बार-बार सोचती है

    अब इस उम्र में

    क्या वह स्टेडियम में भाग भी सकती है

    उसके भागने का इंतज़ार कर रहे उसके अपने लोग

    क्या वाक़ई छुपाएँगे उसका शीशा उसका आबनूस

    उसकी सात पालों वाली नाव

    उसके दुपट्टे के झुटपुटे में जिसे वह आलमारी में कहीं छोड़ आई है

    क्या उसके पास कोई उम्र बची है

    तीस की हो गई कविता

    सोचती है

    कहाँ होगा वह लड़का जो उसे कहीं भगा ले जाए

    जिसका इंतज़ार हर समंदर के दरवाज़े पर खड़ी वह कर रही है।

    स्रोत :
    • रचनाकार : अरमान आनंद
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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