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माँ का नाम

man ka nam

मिथिलेश कुमार राय

और अधिकमिथिलेश कुमार राय

    माँ का नाम

    सहवाजपुरवाली है

    मँझली काकी का भद्रेश्वरवाली

    छोटकी चाची को चाचा

    बेलावाली के नाम से पुकारते हैं

    मैंने पूछा तो बताया कि

    मेरी दादी का नाम भरफोड़ीवाली था

    शुरू-शुरू में पिता ने माँ को

    उनके नाम ही से पुकारा था

    लेकिन पिता पुकारते थे माँ को

    ठहर पूरा आँगन जाता था

    असहज होकर पिता को

    तब माँ का नाम भूल जाना पड़ा

    तभी लौट पाई सहजता

    और तभी आँगन ने ठिठकना बंद किया

    कुरेदने पर पता चलता है

    कि माँ काकी चाची

    और दादी के पास

    अपना एक सुंदर-सा नाम है

    जैसे उषा, मनोरमा

    सरिता और तुलकनामा देवी

    जिसकी गूँज नैहर में क़दम रखते ही

    उनके कानों में सुनाई देने लगती हैं

    लेकिन ससुराल की ओर निकलने से पहले

    इन्हें अपने-अपने नामों को

    वहीं कहीं रख देना पड़ता है

    यहाँ परिचय के लिए

    समूचे गाँव को

    ये साथ लिए चलती हैं।

    स्रोत :
    • रचनाकार : मिथिलेश कुमार राय
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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