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तक्षक

takshak

गरुड़-वर्जित प्रदेश में

रहने वाले 'कालिय' को

कर दिया मंदित बालकृष्ण के पदापात ने

लेकिन आस्तिक के कृपापात्र तक्षक को

नहीं कर सका जनमेजय अग्निसात

लक्ष-लक्ष काले भुजंग से

भर गई है सारी पृथ्वी।

विवर और जंगल से निकले

विषधर को मिले

नगर-महानगर में

ऊँचे-ऊँचे आसन

उसने पेट पर चलना छोड़

ख़रीद लिया वाहन

माँसल देह(!)

केंचुल वह रोज़ बदलता है

वायु पर नहीं

अब भाषण पर जीता है

स्वागतोत्सुक जिह्वा

नयनाभिराम विषदंत

ठीक वैसे ही हैं

पहले काटकर भागते थे

अब माफ़ी माँगते हैं

आरोपित विनम्रता से

मोहे रहते हैं।

स्रोत :
  • पुस्तक : मैथिली कविताएँ (पृष्ठ 24)
  • संपादक : ज्ञानरंजन, कमलाप्रसाद
  • रचनाकार : कीर्तिनारायण मिश्र
  • प्रकाशन : पहल प्रकाशन
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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