कोलतार की सड़क और गेहूँ के बालियों पर झूमता जीवन
koltar ki saDak aur gehun ke baliyon par jhumta jiwan
आसित आदित्य
Aasit Aditya
कोलतार की सड़क और गेहूँ के बालियों पर झूमता जीवन
koltar ki saDak aur gehun ke baliyon par jhumta jiwan
Aasit Aditya
आसित आदित्य
और अधिकआसित आदित्य
स्मृतियाँ―
दिल के जेब के सबसे अनमोल ख़ज़ाने हैं।
मैं लोगों की ख़ूबसूरती
उनके द्वारा संचित स्मृतियों से आँकता हूँ।
मृत्यु जीवन की सबसे बड़ी मजबूरी है
एक दिन मेरे चौखट पर भी देगी दस्तक।
जाने वाला कब ले जा सका है स्मृतियाँ अपनी।
मुझे इसलिए मत रखना याद
कि सुबह-सवेरे एक पोखरे के किनारे
किसी ने अत्यंत बेरहमी से की थी हत्या मेरी
इसलिए तो क़तई नहीं कि अपनी आत्मा के दीवार पर
किसी को निशानेबाज़ी का अभ्यास करने की
खुली छूट दे रखी थी मैंने।
इसलिए भी नहीं
कि डिप्रेशन, एंग्जायटी की गोलियाँ गटकते हुए
मैं ताउम्र घिसटता रहा था जीवन के राह पर,
ना ही इसलिए कि
मेरे बीसवें जन्मदिन पर मर गया था दादा मेरा।
याद रखना इसलिए मुझे
कि ज़िंदगी ने लाख बेवफ़ाई की मेरे साथ
फिर भी मैं उसे प्यार करता रहा,
इसलिए याद रखना मुझे
कि एक लड़की ने इतना चाहा था मुझे
जितना जल को चाहती है जल बिन तड़पती मछली,
याद रखना इसलिए मुझे
कि उदासी की माटी में उगाता रहा मैं कविता के फूल।
- रचनाकार : आसित आदित्य
- प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
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