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जातक कथा

jatak katha

शिवमंगल सिद्धांतकर

और अधिकशिवमंगल सिद्धांतकर

    आदमी जब मरता है

    अदमी जब मारा जाता है

    आदमी छोटा-मोटा आदमी हकलाता है

    कोई-कोई सन्न रह जाता है

    आदमी जब जाता है

    आदमी जब आता है

    भूल जाता है

    वह जाता है

    नई-नई जातककथा है

    छोटी-मोटी भी तो व्यथा है

    स्रोत :
    • पुस्तक : काल नदी (पृष्ठ 3)
    • रचनाकार : शिवमंगल सिद्धांतकर
    • प्रकाशन : राग विराग प्रकाशन
    • संस्करण : 2003

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