Font by Mehr Nastaliq Web

किधर से चढ़ेंगे आप?

kidhar se chaDhenge aap?

राजकमल चौधरी

राजकमल चौधरी

किधर से चढ़ेंगे आप?

राजकमल चौधरी

और अधिकराजकमल चौधरी

    हम लोगों में सबसे समझदार था नरेंद्र धीर

    रामनगर की उस दुकान में सबसे बाद तक

    वह रह सकता था। कभी अकेले

    या कभी हरवंश कश्यप के साथ हम चले आते थे

    अजमेरी गेट। एक शहज़ादी होती थी,

    एक सुलोचना, एक नीलम। एक रात में

    सत्रह बार उनका ब्याह होता था

    नीचे ‘मोरल री-आर्मामेंट', ऊपर

    एक रात में सत्रह बार यह पूछना,—

    किधर से चढ़ेंगे आप? सीढ़ियों पर,

    जब भीड़ बढ़ने लगेगी। दमे के मरीज़ ग़ज़लों में

    जब पूछेगे अपनी बीवियों की दास्तान।

    जब आदमी बेशर्म होकर

    ‘पब्लिक बाथरूम’ बन जाएगा चौराहों पर। तो,

    किधर से चढ़ेंगे आप? रमेश गौड़

    छह रुपए उधार लेकर उतार लेगा अपना पानी।

    जगदीश चतुर्वेदी समाधिस्थ योगी बनकर

    अपने कमरे में पड़ोस की अनारकली।

    सँभालता रहेगा। मुद्राराक्षस सिर्फ़ पान खाएगा,

    और थूकेगा ‘टी हाउस' की फ़र्श पर सिर्फ़

    बट्रेंड रसेल।

    हम लोगों में सबसे समझदार था नरेंद्र धीर

    ख़ुदकुशी करने से पहले उसने

    दिल्ली से फ़ुर्सत पा ली। अब अजमेरी गेट से

    दिल्ली गेट तक

    कमलेश्वर नई कहानियाँ बिछाते रह जाएँ दिन-रात,

    सत्रह बार एक ही सवाल पूछते रहें।

    राजीव सक्सेना की स्कूटर, धर्मेंद्र गुप्त की साइकिल,

    श्रीकांत वर्मा की मोटरकार कहानियाँ कविताएँ

    राजपथ से जनपथ तक झंडे उड़ाती रहें।

    हम सभी अचेतन हो जाएँ

    ‘मोरल री-आर्मामेंट' की बेशर्मी के बाद। क्योंकि,

    इससे ज़्यादा करने या होने का उत्पात

    हम लोगों के पास नहीं है। हो सकता है जैनेंद्र जी के

    पास कोई उपाय हो।

    स्रोत :
    • पुस्तक : ऑडिट रिपोर्ट (पृष्ठ 66)
    • रचनाकार : राजकमल चौधरी
    • प्रकाशन : वाणी प्रकाशन
    • संस्करण : 2006

    संबंधित विषय

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

    टिकट ख़रीदिए