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हल की धार को याद कर लेती हूँ

hal ki dhaar ko yaad kar leti hoon

अनुराधा ओस

अनुराधा ओस

हल की धार को याद कर लेती हूँ

अनुराधा ओस

और अधिकअनुराधा ओस

    बहुत पहले माँ ने

    कहा था कि

    कुछ बनाते समय

    उसको याद कर लेना चाहिए

    जो उस काम को

    अच्छे से करता हो

    तो मैं

    रसोई बनाते समय

    माँ को याद कर लेती हूँ

    ज़िंदगी की कड़वाहट

    कम करने के लिए

    पानी को याद करती हूँ

    मन को समतल बनाने के लिए

    हल की नुकीली धार को

    दुःख को हराने के लिए

    समुद्र को

    काँटे हटाने के लिए

    हंसिया और दराती को

    उधड़ी सीवन ठीक करने के लिए

    पेड़ की छाल को

    कतरन-कतरन जोड़कर

    तुरपाई करने के लिए

    मकड़ी की जिजीविषा को

    मन की बर्फ़ पिघलने के लिए

    कुम्हार के आँवा को।

    स्रोत :
    • रचनाकार : अनुराधा ओस
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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