सिर्फ़ इतना ही कर सकता हूँ
कि आज के तुम्हारे कार्यक्रम में
मैं शामिल नहीं होऊँगा
और कर भी क्या सकता हूँ
तुम्हारे अभेद्य सुरक्षा कवच के सामने?
वैसे और क्या हो सकता है इससे बेहतर
तुम्हारा लोकतांत्रिक बहिष्कार
कि लोकतंत्र के महाप्रभु को
उसी के जुमलों से जवाब दिया जाए?
जब सारी दुनिया
तुम्हारे ताक़त के दंभ और शोहरत की
अंधभक्ति कर रही हो
तब मेरे ही भाई-बंधु हँसेंगे
मेरे इस निर्णय पर
और सीआईए अगर
इसकी भी सूचना दे दे
तो शायद तुम्हें भी
हिंदी के इस आदिवासी कवि पर हँसी आ जाए
आज कार्यक्रम में शामिल नहीं होऊँगा
तो इसका मतलब
तुम मुझसे बेहतर समझते हो
कि मैं तुम्हारे हर उस निर्णय में शामिल नहीं हूँ
जिसने दुनिया को ‘डॉलर’ की जंज़ीर पहनाई है
जिसने जने हैं दुनिया में
नाटो, खाड़ी, तालिबान, इराक़
लीबिया, उत्तर कोरिया, ईरान
और भी ऐसी अनगिनत अँधेरी खाइयाँ
जिसमें मानवता दफ़न की जा रही है
मेरे इस इनकार का मतलब
तुम भली भाँति समझते हो
कि मैं तुमसे और तुम्हारे अधिकांश
पूर्वजों से असहमत हूँ
तुम यह भी जानते हो कि
आज तुम जिस ज़मीन पर खड़े होकर
आतंकवाद और विश्व शांति की बात कर रहे हो
उसी ज़मीन के ख़िलाफ़
तुम्हारे पूर्वजों ने जहाज़ी बेड़ा भेजा था
मुझे पता है
तुम और तुम्हारा सीआईए
कहेगा कि मैं सोवियतों का पिछलग्गू रहा हूँ
कहोगे कि मैं चे, कास्त्रो या शावेज का गुप्तचर हूँ
कहोगे कि मैं तालिबानी हूँ
कहोगे कि मैं इस्लामिक स्टेट का हूँ
तुम कुछ भी कहोगे और उसे साबित भी कर दोगे
लेकिन तुम कभी नहीं कहोगे कि
मैं ब्लैक हिल्स या डकोटा प्रांत का वंशज हूँ
नहीं कहोगे कि मैं रेड इंडियनों का वंशज हूँ
ऐसा कहकर तुम और सीआईए
कभी भी अपने इतिहास का
नक़ाब नोंचने की हिमाक़त नहीं करेगा
मुझे पता है
तुम कुछ भी ऐसा नहीं करोगे
जिससे साबित हो कि
तुम्हारे सिवाय और भी सभ्यता रही है
और भी मौजूद हैं दूसरे सहजीवी विकल्प
आज तुम बापू को ‘धन्य-धन्य’ कहोगे
मार्टिन लूथर किंग जूनियर की दास्तान कहोगे
और जब कल यहाँ से वापस लौट जाओगे
हथियारों के अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में
तुम्हारी रैंकिंग फिर से सबसे ऊपर होगी
फिर से होगी
तीसरी-अश्वेत-अफ़्रीकी-दुनिया में
तुम्हारे लड़ाकू युद्ध पोतों
और जहाज़ी बेड़ों के उतरने तक
हथियारों की काला बाज़ारी
आज मेरे देश की
बलिदानी धरती पर होने के बावजूद भी
तुमसे दूसरी छोर पर रहूँगा
मैं यहाँ अपने जंगलों और नदियों के साथ
यहीं अपने जनवादी गणतंत्र का गीत गाऊँगा।
- रचनाकार : अनुज लुगुन
- प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
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