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आवाज़ उठाओ

avaz uthao

अनुवाद : उपासना झा

फरूग़ फरूख़ज़ाद

फरूग़ फरूख़ज़ाद

आवाज़ उठाओ

फरूग़ फरूख़ज़ाद

और अधिकफरूग़ फरूख़ज़ाद

    सिर्फ़ तुम, ईरानी औरतो, रह गई हो

    भीषण दु:ख, दुर्भाग्य और क्रूरता की बेड़ियों में

    अगर तुम चाहती हो ये बेड़ियाँ टूटें

    ज़िद का दामन थाम लो

    ख़ुशामदों की वजह से पशोपेश में रहो

    अत्याचारी के आगे झुको

    एक दरिया बन जाओ—

    ग़ुस्से, नफ़रत और दर्द का

    क्रूरता की चट्टानों को बहा दो

    ये तुम्हारी छाती की गर्माहट है

    जो उन घमंडी और बड़बोले मर्दों को पालती है

    ये तुम्हारी दिलकश मुस्कान है जो

    उनके हृदयों को गर्माहट

    और शौर्य से भरती है

    वह आदमी जो तुम्हारी रचना है

    बेशर्मी से श्रेष्ठता

    और सत्ता का लुत्फ़ उठाता है

    औरत, कुछ करो कि

    एक दुनिया इंतिज़ार कर रही है

    और तुम्हारे साथ है

    अँधेरी क़ब्रों में सोना तुम्हें ख़ुशगवार लगता है

    इस दासता और दुर्भाग्य के मुक़ाबले

    वह अहंकारी आदमी कहाँ है? उसे कहो

    कि तुम्हारे सहने की सीमा पर अपना सिर झुकाए

    कहाँ है वह अहंकारी आदमी?

    उससे कहो कि वह उठे

    क्योंकि एक औरत उससे भिड़ने को

    यहाँ उठ खड़ी हो रही है,

    उस औरत का बयान ही उसकी सचाई है।

    अब वह अपनी कमज़ोरी की वजह से

    आँसू नहीं बहाएगी।

    स्रोत :
    • पुस्तक : सदानीरा पत्रिका
    • संपादक : अविनाश मिश्र
    • रचनाकार : फरूग़ फरूख़ज़ाद
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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