Font by Mehr Nastaliq Web

पंजे भर ज़मीन

panje bhar zamin

पराग पावन

पराग पावन

पंजे भर ज़मीन

पराग पावन

इस धरती पर बम फोड़ने की जगह है

बलात्कार करने की जगह है

दंगों के लिए जगह है

ईश्वर और अल्लाह के पसरने की भी जगह है

मगर तुमसे मुलाक़ात के लिए

पंजे भर ज़मीन नहीं है इस धरती के पास

जब भी मैं तुमसे मिलने आता हूँ

भईया की दहेजुआ बाइक लेकर

सभ्यताएँ उखाड़ ले जाती हैं उसका स्पार्क प्लग

संस्कृतियाँ पंचर कर जाती हैं उसके टायर

धर्म फोड़ जाता है उसकी हेडलाइट

वेद की ऋचाएँ मुख़बिरी कर देती हैं

तुम्हारे गाँव में

और लाल मिरजई बाँधे रामायण तलब करता है

मुझे इतिहास की अदालत में

मैं चीख़ना चाहता हूँ कि

देवताओं को लाया जाए मेरे मुक़ाबिल

और पूछा जाए कि कहाँ गई वह ज़मीन

जिस पर दो जोड़ी पैर टिका सकते थे

अपना क़स्बाई प्यार

मैं चीख़ना चाहता हूँ कि

धर्मग्रंथों को लाया जाए मेरे मुक़ाबिल

और पूछा जाए कि कहाँ गए वे पन्ने

जिन पर दर्ज किया जा सकता था प्रेम का ककहरा

मैं चीख़ना चाहता हूँ

कि लथेड़ते हुए खींचकर लाया जाए

पीर और पुरोहित को और पूछा जाए

कि क्या हुआ उन सूक्तियों का

जो दो दिलों के महकते भाप से उपजी थीं

मेरे बरअक्स तलब किया जाना चाहिए इन सभी को

और तजवीज़ से पहले बहसें देवताओं पर होनी चाहिए

पीर और पुरोहित पर होनी चाहिए

आप देखेंगें कि देवता बहस पसंद नहीं करते

मैंने तो फ़ोन पर कह दिया है अपनी प्रेमिका से

कि तुम चाँद पर सूत कातती बुढ़िया बन जाओ

और मैं अपनी लोक-कथाओं का कोई बूढ़ा बन जाता हूँ

सदियों पार जब बम और बलात्कार से

बच जाएगी पीढ़ा भर मुक़द्दस ज़मीन

तब तुम उतर आना चाँद से

मैं निकल आऊँगा कथाओं से

तब झूमकर भेंटना मुझे इस तरह कि

‘मा निषाद’ की करकन लिए हुए

सिरज उठे कोई वाल्मीकि का वंशज

अभी तो इस धरती पर बम फोड़ने की जगह है

दंगों के लिए जगह है

ईश्वर के पसरने की भी जगह है

पर तुमसे मुलाक़ात के लिए

पंजे भर ज़मीन नहीं है

इस धरती के पास।

वीडियो
This video is playing from YouTube

Videos
This video is playing from YouTube

पराग पावन

पराग पावन

स्रोत :
  • रचनाकार : पराग पावन
  • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

संबंधित विषय

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

Additional information available

Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

OKAY

About this sher

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

Close

rare Unpublished content

This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

OKAY