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तुम्हारा होना

tumhara hona

राही डूमरचीर

राही डूमरचीर

तुम्हारा होना

राही डूमरचीर

तुम्हारे शहर के

स्टेशन से गुज़रते हुए

तुम याद आईं

सामान्य कथन है यह

सामान्य ही होता सचमुच

इसमें गर तुम नहीं होतीं

स्टेशन से दिख रहे

ठीक तीसरी पहाड़ी के पीछे है

सखुआ के जंगलों से घिरा तुम्हारा गाँव

वहाँ जाने वाली

लचकती वह सड़क भी दिखी

और वह झरिया पर की टूटी हुई पुलिया भी

जहाँ ख़राब हो गई थी तुम्हारे गाँव जाते हुए बस

सवारियों की उकताहटों से बेख़बर

बतियाते ही रहे थे बेपरवाह

हर बार की तरह उस रोज़

थाम कर रख लेना चाहता था

दूर पहाड़ियों से रही

झरने की आवाज़ को

घर लौट रहे लोगों

चिड़ियों की चहचहाहट में

डूबती शाम को

थामे रहना चाहता था

मांदर पर थिरकते उस रात

नाचते हुए मेरी हाथ को थामे

तुम्हारे हाथ को

तुम्हारे गाँव से बहुत दूर

गंगा के दियारे में भाग रही है ट्रेन

भाग रहा है मन मांदर की थाप संग

तांग धितिंग धितिंग तांग

तांग तांग तांग धितिंग

धितिंग तांग धितिंग तांग तांग।

स्रोत :
  • रचनाकार : राही डूमरचीर
  • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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