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मठ के पीछे

math ke pichhe

अर्नेस्तो कार्देनाल

और अधिकअर्नेस्तो कार्देनाल

    मठ के पीछे, सड़क से ज़रा हटकर

    एक क़ब्रिस्तान है टूटी-फूटी चीज़ों का

    जहाँ दफ़्न हैं टूटे बर्तन चीनी मिट्टी के, जंग लगी धातुएँ,

    टूटे पाइप और मुड़े-तुड़े वायर,

    सिगरेट के ख़ाली पैकेट, बुरादा,

    लोहे की चद्दरें, पुराना प्लास्टिक, सुधर सकने वाले टायर;

    सब इंतज़ार करते पुनर्जीवन का, हमारे जैसे ही

    अनधिकृत अकूत संपत्ति (ल्यूक 16 : 9)

    तो संपत्ति को लें, अधिकृत या अनधिकृत

    मालमत्ता भले हो ग़लत तरीक़ों से जोड़ा गया या हो सही से :

    तमाम संपत्तियाँ अनधिकृत हैं

    हर माल

    ग़लत कमाई

    गर तुम्हारी नहीं तो किसी और की

    तुम्हारे काग़ज़-पत्तर ठीक हो सकते हैं, लेकिन

    अपनी ज़मीन ख़रीदी थी तुमने क्या उसके सच्चे मलिक थे?

    और उसने उसके सच्चे मालिक से? और उसने...?...?

    ये ठीक है तुहारा मालिकाना राजा के दिये तक पहुँचता है

    थी क्या

    वह ज़मीन राजा की?

    किसी से कभी हथियाई नहीं गई थी जबरन?

    और पैसा जो तुम पा रहे हो इस वक़्त अधिकृत रूप में

    अपने मालिक, मुवक्किल, बैंक या राष्ट्रीय कोष से,

    या अमरीकी कोषालय से,

    क्या वह किसी भी मुक़ाम पर ग़लत तरीक़े से नहीं कमाया गया था? फिर भी

    यह मत सोचना कि एक सच्चे कम्युनिस्ट राज में

    यीशु की बोधकथाएँ निरर्थक हो जाएँगी

    या ल्यूक का भजन 16 : 9 अपनी सार्थकता खो देगा

    और संपदा उसमें होगी अनधिकृत

    या तब तुम्हारा कर्तव्य नहीं होगा अपनी संपत्ति बाँटना

    शांति और व्यवस्था के रक्षक प्रभुओ (प्रार्थना 57)

    शांति और व्यवस्था के रक्षक प्रभुगण :

    तुम्हारा न्याय शायद वर्गीय न्याय नहीं है?

    निजी संपत्ति की रक्षा के लिए अदालतें दीवानी

    कुचले हुओं को दबाने के लिए फ़ौजदारी अदालतें

    स्वतंत्रता जिसकी बातें करते हो तुम स्वतंत्रता है धनिकों की

    तुम्हारे फ़्री वर्ल्ड का अर्थ है स्वतंत्रता शोषण की

    तुम्हारा क़ानून भरमार बंदूक़ है और तुम्हारी व्यवस्था जंगल

    पुलिस तुम्हारी है

    जज तुम्हारे हैं

    कोई ज़मींदार या धन्नासेठ नहीं तुम्हारी जेलों में

    कुलीन पथभ्रष्ट होने लगते हैं महतारी की गोद में

    पैदा होते ही उनमें फूट पड़ते हैं वर्गीय पूर्वग्रह

    जैसे विषधर नाग पैदा होता है विष की थैली लिए

    जैसे बघर्रा शार्क पैदाइश से होती है नरभक्षी

    परमेश्वर ख़त्म कर यह यथास्थिति

    उखाड़ विषदाँत इन कुलीनों के

    बहा दे उन्हें जैसे बहता है पानी वाशबेसिन में

    उजाड़ने दे उन्हें जैसे उजड़ती है खरपतवार खरपतवार-नाशक से

    वे 'कीड़े' होंगे जब क्रांति आएगी

    वे शरीर की कोषिकाएँ नहीं विषाणु हैं

    नए मनुष्य के गिरे भ्रूण, उन्हें दूर करो

    इससे पहले कि उनमें काँटे उगें साफ़ कर दो उन्हें ट्रैक्टर से—

    साधारण जन आराम फ़रमाएगा श्रेष्ठतम क्लबों में

    क़ब्ज़े में कर लेगा वह निजी धंधे

    न्यायप्रिय व्यक्ति ख़ुशियाँ मनाएगा अदालतों में

    विशाल चौकों में हम मनाएँगे वर्षगाँठ

    क्रांति की

    परमेश्वर जो है वह परमेश्वर है साधारण जन का

    स्रोत :
    • पुस्तक : पुनर्वसु (पृष्ठ 217)
    • संपादक : अशोक वाजपेयी
    • रचनाकार : अर्नेस्तो कार्देनाल
    • प्रकाशन : राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली
    • संस्करण : 1989
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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