भूख में दुःख अनुभव नहीं होता
bhookh mein duःkh anubhaw nahin hota
भूख में दुःख
अनुभव नहीं होता। ऐसा नहीं कि कलेजा
नहीं कटता। किंतु
एक अन्य प्रकार से
आँखों में आँसू नहीं उतरते।
रोटी की भड़ास में लहू जलता है।—
पेट की आग में
भुनती रहती हैं अस्थियाँ।
देह की सिकुड़न में
ईश्वर का दम घुटता चला जाता है।
अनिच्छाएँ उसकी मृत्यु का संवरण करती हैं।—
अलबत्ता, इस समय में मैं नीरस कविता लिखकर
पाठक न होने के घोषणापत्र पर
हस्ताक्षर करता हूँ।
- रचनाकार : अमिताभ चौधरी
- प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
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