अंतिम समय, अंतिम विनती, अंतिम आश्वस्ति
antim samay, antim winti, antim ashwasti
आसित आदित्य
Aasit Aditya
अंतिम समय, अंतिम विनती, अंतिम आश्वस्ति
antim samay, antim winti, antim ashwasti
Aasit Aditya
आसित आदित्य
और अधिकआसित आदित्य
चलना, चलना और चलना
फिर एक ठोकर का लगना और बैठ जाना...
मृत्यु जीवन की सबसे क्रूर ठोकर है।
मैं यूँ जीना चाहता हूँ कि
जब मृत्यु मुझे लेने आए
तो मेरी ज़िंदगी को
मुझसे आलिंगनबद्ध देख
पल भर को शरमा जाए।
जब मैं मरूँगा मेरे दुःख मुझे कंधा देंगे,
तुम्हारे दिए ज़ख़्म मेरे जनाज़े में मेरे पीछे-पीछे चलेंगे,
दाग़ देगी मेरी सबसे उदास कविता मुझे।
तुम चिता पर सजी मेरी देह को देखना
तलाशना उसमें संतुष्टि की लकीरें
मुझे यक़ीन है तुम्हें ज़्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी।
- रचनाकार : आसित आदित्य
- प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
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