डॉक्टर

Dauktar

अज्ञात

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    नोट

    प्रसतुत पाठ एनसीईआरटी की कक्षा छठी के पाठ्यक्रम में शामिल है।

    सुशीला : नमस्ते डॉक्टर साहब!

    डॉक्टर : आइए मैडम! कहिए, आपको क्या कष्ट है?

    सुशीला : मैं ठीक हूँ डॉक्टर साहब! यह मेरा बेटा रमेश है। इसे कल से बुख़ार है। देखिए परसों से स्कूल में परीक्षा शुरू होगी। इसलिए मुझे बड़ी चिंता है।

    डॉक्टर : बेटे मेरे पास आओ। इस स्टूल पर बैठो। बताओ तुम्हें क्या कष्ट है? 

    रमेश : डॉक्टर साहब, मुझे खाँसी आती है। खाँसी के कारण रात भर नींद नहीं आती।

    डॉक्टर : तुम्हें भूख लगती है?

    रमेश : डॉक्टर साहब, मुझे बिल्कुल भूख नहीं लगती। (डॉक्टर रमेश के छाती और पीठ पर स्टेथीस्कोप लगाकर जाँच करता है।)

    डॉक्टर : लंबी साँस लो। और तेज़ साँस लो। अपनी जीभ दिखाओ, बेटे! अच्छा!

    सुशीला : डॉक्टर साहब, कोई परेशानी की बात तो नहीं?

    डॉक्टर : नहीं रमेश को मामूली बुख़ार है, सर्दी-ज़ुकाम के कारण। दवाई लिख देता हूँ, दो दिन में ठीक हो जाएगा।

    सुशीला : रमेश को खाने में क्या दूँ डॉक्टर साहब?

    डॉक्टर : इसे हलका खाना दीजिए। सब्ज़ी का सूप पिलाइए।

    रमेश : मुझे संतरा और सेब पसंद हैं। क्या मैं खा सकता हूँ।

    डॉक्टर : हाँ बेटे! फल खाओ! बीच बीच में पानी पिओ।

    सुशीला : डॉक्टर साहब, इसे दूध दूँ या कॉफ़ी?

    डॉक्टर: चाय कॉफ़ी बिलकुल नहीं, सिर्फ़ दूध दीजिए। दवाएँ लिख रहा हूँ? दिन में तीन बार दीजिए। खिलाइए। रात को सोने से पहले यह गोली खिलाइए।

    सुशीला : धन्यवाद डॉक्टर साहब, नमस्ते।

    डॉक्टर : नमस्ते।

    स्रोत :
    • पुस्तक : दूर्वा (भाग-1) (पृष्ठ 117)
    • प्रकाशन : एनसीईआरटी
    • संस्करण : 2022

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