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    नोट

    प्रसतुत पाठ एनसीईआरटी की कक्षा छठी के पाठ्यक्रम में शामिल है।

    तरूण :  नमस्ते शोभा। हम बहुत समय बाद मिले।
    शोभा : तरूण, नमस्ते।
    तरूण :  शोभा तुम आजकल किस कक्षा में पढ़ती हो?
    शोभा : मैं कक्षा छह में पढ़ती हूँ।
    तरूण : तुम्हारा विद्यालय कहाँ है?
    शोभा : प्रधान डाकघर के पास है। और, तुम कहाँ पढ़ते हो?
    तरूण : मैं आजकल चेत्रै में पढ़ता हूँ। वहाँ मेरे मामा जी रहते हैं। अच्छा शोभा, तुम्हारे विद्यालय में हिंदी कौन पढ़ाता है?

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    शोभा : वरदा जी। वे बहुत अच्छा पढ़ाती हैं, हमें रोचक कहानियाँ सुनाती हैं, हिंदी के गीत भी सिखाती हैं।
    तरूण : अरे, वे तो मेरी मौसी की सहेली हैं। मैं मौसी के साथ कभी-कभी उनके घर जाता हूँ। वे बहुत अच्छी-अच्छी बातें करतीं हैं। 
    शोभा : तुम ठीक कहते हो। अच्छा तरूण! आजकल शाम को तुम क्या करते हो?
    तरूण : शाम को मैं एक घंटे खेलता हूँ। मेरे घर के पास एक अच्छा मैदान है। हम लोग फ़ुटबॉल खेलते हैं। कभी-कभी क्रिकेट भी खेलते हैं। शोभा, तुम कौन-सा खेल खेलती हो? 
    शोभा : मैं खो-खो खेलती हूँ। मैं कभी-कभी भाई बहनों के साथ अंत्याक्षरी भी खेलती हूँ।
    तरूण : अंत्याक्षरी बुद्धि का खेल है।
    शोभा : हाँ, तरूण इससे याद करने की क्षमता बढ़ती है। मस्तिष्क का व्यायाम भी आवश्यक हैं।
    तरूण :  मैं यह मानता हूँ, अब मैं खेल के साथ-साथ अंत्याक्षरी भी खेलूँगा।

    स्रोत :
    • पुस्तक : दूर्वा (भाग-1) (पृष्ठ 79)
    • प्रकाशन : एनसीईआरटी
    • संस्करण : 2022

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