मैथिली लोकगीत : सावन मास नागपंचमी भेल
maithili lokgit ha sawan mas nagpanchmi bhel
रोचक तथ्य
संदर्भ—नागपंचमी प्रसंग।
सावन मास नागपंचमी भेल,
घर घर बिसहर पूजा भेल।।1।।
अहिरक घर बिसहर दूध लवा लेल।
मालिक घर बिसहर पान पूल लेल।।2।।
भक्तक घर बिसहर खीरहिं लेल।
ब्राह्मण घर बिसहर पाँचो कुमारि।
छोटी बहिन बिसहर बड़ उत्फारि।।4।।
पलँग सूतल स्वामी डसलह मोर।
बारि रे बयस स्वामी बकसह मोर।।5।।
सावन के महीने में नागपंचमी हुई। घर-घर नाग की पूजा संपन्न हुई।।1।।
अहीर के घर से साँप ने दूध-लावा लिया और माली के घर से पान-फूल
प्राप्त किया।।2।।
भक्त के घर से सर्प ने खीर ली और ब्राह्मण के घर में विषधर की पूजा हुई।।3।।
विषधर के पाँच बहिने हैं, वे पाँचों कुमारी हैं। लेकिन विषधर की छोटी बहिन बड़ी उत्पातिनी है।।5।।
- पुस्तक : हिंदी के लोकगीत (पृष्ठ 35)
- संपादक : महेशप्रताप नारायण अवस्थी
- प्रकाशन : सत्यवती प्रज्ञालोक
- संस्करण : 2002
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