बुंदेली लोकगीत : आली ब्रज में गोपाल भए
bundeli lokgit ha aali braj mein gopal bhae
रोचक तथ्य
संदर्भ—कृष्णजन्म।
आली ब्रज में गोपाल भए।।टेक।।
जब हरि जनम लये मथुरा में, जगत पहरुवा सोय रहे।
लै बसुदेव चले गोकुल कूँ, झपट के जमुना चरन गहे।।1।।
आगूँ धसे जमुना जल गहरी, पीछूँ सिंह गुँजार रहे।
उलटी रीति भई गोकुल में, कन्या दै गोपाल लये।।2।।
कौन ने जाये कौन खिलाये, कौन के लाल कहाये?
देवकी ने जाये जसोदा खिलाये, नन्द बाबा के लाल कहाये।।3।।
- पुस्तक : हिंदी के लोकगीत (पृष्ठ 326)
- संपादक : महेशप्रताप नारायण अवस्थी
- प्रकाशन : सत्यवती प्रज्ञालोक
- संस्करण : 2002
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