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दोहे

अपभ्रंश साहित्य का प्रमुख छंद, जो कालांतर में लोक साहित्य का सबसे प्रिय छंद बना। यह अपने छोटे से कलेवर में कई बातें समेटने की क्षमता रखता है, इसीलिए इसे गागर में सागर भरने वाला छंद बताया गया है।

रीतिकालीन आचार्य कवि। अलंकार ग्रंथ 'अलंकारमणि मंजरी' के रचनाकार। सुबोध और सरल विषय प्रतिपादन के लिए प्रसिद्ध।

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