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रतन रमा सी सुख सदन

ratan ramaa sii sukh sadan

रत्नावली

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रतन रमा सी सुख सदन

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और अधिकरत्नावली

    रतन रमा सी सुख सदन, वनि सारद धरि ग्यान।

    खलन दलन हित कालिका, वनि करि धारि कृपान॥

    हे स्त्री! तुम लक्ष्मी के समान ग्रह की शोभा स्वरुप बनो। ज्ञान प्राप्त कर शारदा बनो और दुष्टों के दमन के लिए हाथ में खड्ग लेकर कालिका बनो।

    स्रोत :
    • पुस्तक : रत्नावली (पृष्ठ 34)
    • संपादक : वेदव्रत शास्त्री
    • रचनाकार : रत्नावली
    • प्रकाशन : उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान
    • संस्करण : 1990
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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