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तौमानी डिबाटे की याद में

ब्रिटिश लेखक और बायोलॉजिस्ट रिचर्ड डॉकिंस (Richard Dawkins) ने एकबारगी कहा था कि वी ऑल आर अफ़्रीकंस। इस कथन के पर्याप्त वैज्ञानिक प्रमाण भी उपलब्ध हैं। कभी अमेरिका के कुछ लोग एजेंडा चलाते थे कि जैज़ और ब्लूज़ अमेरिका से निकला है, लेकिन यह झूठ ज़्यादा समय तक टिक नहीं पाया; क्योंकि प्रामाणिक तौर पर इनके रूट्स हमेशा अफ़्रीका में पाए गए।

ख़ैर! इन बहसों से इतर आज एक मास्टर की बात करना चाहता हूँ, एक म्यूज़िकल मैस्ट्रो—तौमानी डिबाटे (Toumani Diabaté)।

कल रात को ख़बर मिली कि तौमानी डिबाटे अब नहीं रहे। सूचना मिली तो थोड़ा धक्का लगा। पता नहीं क्यों लगा! मेरे तो कुछ लगते भी नहीं, लेकिन उनके संगीत ने ‘कोरा’ के तार जितना ही मज़बूत तार उनसे कब जोड़ दिया पता भी नहीं चला। उनसे जितना मिला सब सहेजकर रखिए, क्योंकि न अब कुछ और मिल सकेगा न ही अब कोई ‘कोरा’ को उस तरह छू सकेगा।

तौमानी डिबाटे 1965 में वेस्ट अफ़्रीका के देश माली रिपब्लिकन में एक ग्रियोट परिवार में जन्में। उनका परिवार पीढ़ी-दर-पीढ़ी ‘कोरा’ बजाता रहा। वह इस परिवार की 71वीं पीढ़ी थे। उनके पिता को ‘किंग ऑफ़ कोरा’ कहा गया, लेकिन जब लोगों ने तौमानी को कोरा बजाते हुए सुना तो बक़ौल अली फ़रका तुरै (Ali Farka Touré)—“तौमानी अपने पिता और दादा से बहुत आगे निकल गया है और यह इस संगीत-संस्कृति के लिए गर्व की बात है।”

थोड़ा ‘कोरा’ के बारे में बताता चलूँ : कोरा 16वीं शताब्दी में विकसित हुआ एक मालियन इंस्ट्रूमेंट है, जिसमें कुल इक्कीस तार होते हैं। यह हार्प (harp) और ल्युट (lute) दोनों का मिश्रण है और इसका आकार एक सितार के आकार से काफ़ी बड़ा होता है।

तौमानी डिबाटे बताते हैं कि एक संगीत परिवार के बाद भी उन्हें कोरा किसी दूसरे ने नहीं सिखाया। पाँच साल की उम्र से ही वो अलग-अलग कलाकारों और विरासत के संगीत को सुनते रहते थे और कोरा पर उसे बजाने की कोशिश करते रहते।

वह कहते हैं कि मैं संगीत के ज़रिए अपने लोगों के इतिहास को डॉक्यूमेंट करने की कोशिश करता हूँ, मेरा संगीत भूत को वर्तमान से मिलाने की कोशिश है। अपने बेटे को कोरा सिखाते हुए वह अक्सर कहते—“तुम जहाँ उड़ना चाहो उड़ सकते हो, लेकिन उसके लिए अपनी जड़ों से हमेशा संपर्क में रहना होगा।”

कभी जब ‘इन दी हार्ट ऑफ़ मून’ एल्बम के बनने की डॉक्यूमेंट्री देख रहा था, तब अफ़्रीका के महानतम संगीतज्ञ अली फ़रका तुरै का तौमानी के प्रति आदर देख कर अवाक् रह गया था। जबकि वरिष्ठता में अली फ़रका, तौमानी डिबाटे के पिता के बराबर थे।

ब्रुसेल्स में इसी एलबम के लोकार्पण के दौरान ‘डेबे’ (एल्बम का एक गाना) बजाते हुए, जिस तरीक़े से दोनों के चेहरों पर एक निश्छल मुस्कान थी और उन सारी भंगिमाओं से इतर जो संगीत उपज रहा था—उसे देख पहले मेरे मन में एक कुहराम मचा और उसके बाद ऐसी असीम शांति अनुभव हुई जो कभी बाबा अली अकबर ख़ाँ के सरोद से राग दुर्गा से संभव होती थी।

स्वदेश दीपक ने अपनी किताब ‘मैंने मांडू नहीं देखा’ में जिन खंडित स्मृतियों की बात कही, उन सभी खंडित स्मृतियों का उबाल लाने और उन्हें कई सारे अप्रतिम विज़ुअल्स की प्रेरणा देने हेतु तौमानी और अली के ‘रूबी’ गाने का बहुत शुक्रिया। 

तौमानी डिबाटे ऐसी परंपरा से आते हैं, जहाँ संगीत में शब्दों का ख़ासा स्थान नहीं है; क्योंकि उसकी ज़रूरत भी नहीं है। जो लोग अलग-अलग कलाकारों के द्वारा बजाए गए वाद्ययंत्र सुनते रहते हैं, उनके अंतस् को तो यह ख़ासकर सुख देता है।

अली फ़रका तुरै 2006 में चले गए और अब तो तौमानी भी चले गए हैं, बस उनका संगीत बचा हुआ है—जो आदि-अनादि काल तक रहने वाला है। बहुत सारे लोग इनके नामों से अनभिज्ञ हैं और सदा रहेंगे, लेकिन जो भी इन तक जिस भी समय पहुँचेंगे उन्हें उस समय पता चलेगा कि एक कितनी बड़ी विरासत को अपना श्रेष्ठतम नगीना छोड़कर चला गया। ऐसा नगीना जो किसी विधा के सदियों के इतिहास में एकाध बार ही जन्म लेता है।

लोग तो यह भी कहते हैं कि दुनिया में मुश्किल से ही किसी को माली रिपब्लिक के राष्ट्रपति का नाम मालूम होगा, लेकिन जहाँ भी माली देश का नाम आएगा; वहाँ अली फ़रका तुरै और तौमानी डिबाटे का नाम ज़रूर होगा।

तौमानी डिबाटे की निश्छल मुस्कान फिर याद आ रही है; जैसे आजकल लड़के फ़ॉर फ़िंगर्स टच पैटर्न पर पब-जी खेला करते हैं, उसी फ़ॉर फ़िंगर्स टच पर कोरा बजाकर तौमानी श्रोता के मन में दबाकर रखी हुई असंख्य खंडित स्मृतियों को बाहर लाकर रख देता था और उन्हें अपने-आपसे मिलवाता है।

आज तौमानी नहीं हैं, मैं दुःखी हूँ! उनका ‘सिना मोरी’ गाना सुन रहा हूँ और एक दृश्य बुन रहा हूँ, जिसमें स्वर्ग में पहले से अपने एकॉस्टिक गिटार के साथ बैठे अली तौमानी के पिता महान् सिद्दीकी तौमानी डिबाटे के साथ उसकी प्रतीक्षा कर रहे हैं।

तौमानी डिबाटे अपने इक्कीस तारों वाले कोरा के साथ वहाँ प्रवेश कर रहे हैं और ये तीनों विश्व-इतिहास के महानतम संगीतज्ञ एक नई अलबम बनाने के लिए जैम करना शुरू करते हैं और मृत्युलोक पर खंडित स्मृतियों की बारिश शुरू हो जाती है।

तभी अली, तौमानी से मुख़ातिब होकर कहते हैं—“वी डोंट पुट शुगर इन हनी टू मेक इट बिटर।”

अलविदा तौमानी आप रेयर थे।

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