डॉ. सुधींद्र बोस
तीन वर्ष पहले की बात है। अमेरिका की स्टैंडर्ड ऑयल कंपनी का एक माल कलकत्ते से न्यूयार्क जा रहा था। कलकत्ते से चलते समय एक दुबला-पतला ख़ूबसूरत-सा बँगाली नवयुवक जहाज़ के मल्लाहों में भर्ती हुआ। वह पढ़ा-लिखा था। उसने ढाका के विक्टोरिया-कॉलेज से अँग्रेज़ी