Font by Mehr Nastaliq Web
noImage

आशापूर्णा देवी

1909 - 1995 | कोलकाता, पश्चिम बंगाल

समादृत बांग्ला उपन्यासकार और कवयित्री। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

समादृत बांग्ला उपन्यासकार और कवयित्री। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

आशापूर्णा देवी की संपूर्ण रचनाएँ

उद्धरण 3

गाँव के गँवईपन में भी एक तरह की शोभन सभ्यता है यह शहरी गँवई बहुत कुत्सित है।

  • शेयर

कभी-कभी देहांत के बिना ही इंसान एक ही शरीर में कई-कई मौतें नहीं मरता? या एक ही जन्म में कई-कई बार जन्म नहीं लेता?

  • शेयर

यद्यपि लड़की फूटी कौड़ी के मोल की होती है, फिर भी उसे देखने को जी चाहता है, लेने-छूने को जी चाहता है और स्नेह की वस्तु है इसलिए एक मीठी अनुभूति आती है।

  • शेयर
 

पुस्तकें 4

 

Recitation

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

रजिस्टर कीजिए