1766 - 1823 | बुंदेलखंड, उत्तर प्रदेश
रीतिमुक्त काव्यधारा के महत्त्वपूर्ण कवि। लोकोक्तियों के मधुर प्रयोग के लिए विख्यात।
रीतिमुक्त काव्यधारा के महत्त्वपूर्ण कवि। लोकोक्तियों के मधुर प्रयोग के लिए विख्यात।
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