Font by Mehr Nastaliq Web
noImage

ताज

1643

रीतिकाल की भक्त कवयित्री। हृदय के मार्मिक भावों से गुंथी सहज-सरल कविताओं के लिए ख्यात।

रीतिकाल की भक्त कवयित्री। हृदय के मार्मिक भावों से गुंथी सहज-सरल कविताओं के लिए ख्यात।

Recitation

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

टिकट ख़रीदिए