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विश्व कवि पर ब्लॉग

‘कितना संक्षिप्त है प्रेम और भूलने का अरसा कितना लंबा’

‘कितना संक्षिप्त है प्रेम और भूलने का अरसा कितना लंबा’

प्रिय नेरूदा, तुम कविता की दुनिया में एक चमकता सितारा हो, जिसे एक युवा दूर पृथ्वी से हमेशा निहारता रहता है। उसकी इच्छा है कि उसके घर की दीवारें तुम्हारी तस्वीरों से भरी हों। भविष्य की उसकी यात्राओं

गौरव गुप्ता

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