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पागलपन पर गीत

पागल और पागलपन के शीर्षक

भाव को ग्रहण कर अभिव्यक्त कविताओं से एक चयन।

मेरा कितना पागलपन था

गोपालदास नीरज

पागल

गोपालशरण सिंह

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