हिंदी-उपन्यास
कुछ दिनों से हिंदी उपन्यास पर एक लेख लिखने का भार मन पर झूल रहा था। कल रात को उसी की रूपरेखा बना रहा था। कभी प्रवृत्तियों के आधार पर वर्गीकरण की बात सोचता, कभी समस्याओं के, और कभी टेक्निक के आधार पर। रूपरेखा कुछ बनती भी थी। परंतु परसों शाम ही को सुना