जो धुनियाँ तौ भी मैं राम तुम्हारा
jo dhuniyaa.n tau bhii mai.n raam tumhaara
संत दरिया (मारवाड़ वाले)
Sant Dariya (Marwad Vale)
जो धुनियाँ तौ भी मैं राम तुम्हारा
jo dhuniyaa.n tau bhii mai.n raam tumhaara
Sant Dariya (Marwad Vale)
संत दरिया (मारवाड़ वाले)
और अधिकसंत दरिया (मारवाड़ वाले)
जो धुनियाँ तौ भी मैं राम तुम्हारा।
अधम कमीन जाति मतिहीना, तुम तो हौ सिरताज हमारा॥
काया का जंत्र सब्द मन मुठिया, सुषमन ताँत चढ़ाई।
गगन मंडल में धुनुआँ बैठा, मेरे सतगुर कला सिखाई॥
पाप पान हर कुबुध काँकड़ा, सहज-सहज झड़ जाई।
घुंडी गाँठ रहन नहिं पावै, इकरंगी होय आई॥
इकरँग हुआ भरा हरि चोला, हरि कहै कहा दिलाऊँ।
मैं नाहीं मेहनत का लोभी, बकूसी मौज भक्ति निज पाऊँ॥
किरपा कर हरि बोले बानो, तुम तौ हौ मम दास।
दरिया कहै मेरे आतम भीतर, मेलौ राम भक्ति बिस्वास॥
- पुस्तक : दरिया साहब बानी और जीवन-चरित्र (पृष्ठ 47)
- रचनाकार : संत दरिया (मारवाड़ वाले)
- प्रकाशन : बेलवीडियर प्रिंटिंग वर्क्स, इलाहाबाद
- संस्करण : 1922
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