साधो हरि पद कठिन कहानी
sadho hari pad kathin kahani
संत दरिया (मारवाड़ वाले)
Sant Dariya (Marwad Vale)
साधो हरि पद कठिन कहानी
sadho hari pad kathin kahani
Sant Dariya (Marwad Vale)
संत दरिया (मारवाड़ वाले)
और अधिकसंत दरिया (मारवाड़ वाले)
साधो हरि पद कठिन कहानी।
काजी पंडित मरम न जानै, कोइ-कोइ बिरला जानी॥
अलह को लहना, अगह को गहना,
अजर को जरना, बिन मौत मरना।
अधर को धरना, अलख को लखना,
नैन बिन देखना, बिन पानी घट भरना॥
अमिल सूं मिलना, पाँव बिन चलना।
बिन अगिन तन दहना, बस्तु बिन पावना।
तीरथ बिन न्हावना। पंथ बिन जावना॥
रूप न रेख वेद नहिं सिमृत, नहिं जात बरन कुल काना।
जन दरिया गुरगम तें पाया, निरभय पद निरबाना॥
- पुस्तक : दरिया साहब बानी और जीवन-चरित्र (पृष्ठ 76)
- रचनाकार : संत दरिया (मारवाड़ वाले)
- प्रकाशन : बेलवीडियर प्रिंटिंग वर्क्स, इलाहाबाद
- संस्करण : 1922
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