Font by Mehr Nastaliq Web

गाइये रामइयो दातार

gaiye ramaiyo datar

बखना

बखना

गाइये रामइयो दातार

बखना

और अधिकबखना

    गाइये रामइयो दातार।

    सब सुख आपै रोर कांपै, निरधारां आधार॥टेर॥

    नारद सारद द्वारे गावे, कीरति करै कै बार।

    नाथ तू अनाथ बंधु, दालिद भंजनहार॥

    अखें अमरपद च्यारि पदारथ, देत लावे बार।

    मैं अस करिनें गाइयो, कमला नों भरतार॥

    दूझै सदा भगति कै होझै, पंडित नांहि धार।

    भगति भूरि दान आपै, मुकति पाडी लार॥

    पीलीपहु आराधियो, म्हारा समरथ सिरजनहार।

    'बखना' दरबार पहाऊ बोलै, वासन्यों करतार॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : बखना जी और उनकी बाणी (पृष्ठ 159)
    • संपादक : मंगलदास स्वामी
    • रचनाकार : बखना
    • प्रकाशन : श्री लक्ष्मीराम ट्रस्ट, जयपुर
    • संस्करण : 1937

    संबंधित विषय

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

    टिकट ख़रीदिए