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बीत गया सो ठीक है

biit gyaa so thiik hai

फूलीबाई

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बीत गया सो ठीक है

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    बीत गया सो ठीक है, जो होवेला ठीक।

    फूली समझ बणायलो, राम करेला ठीक॥

    मिनखां देह मुंहगी मिली, करलो भजन उपाय।

    पल-पल दिनड़ा जावसी, रीतां भूंडी होय।

    माया तूं मोटी घणी, है राम री दास।

    जीव-जीव है न्यारी-न्यारी, गले बंधावे पास।

    दुख-सुख दोनों भोग है, आँसू आगे ओर।

    सांचो सुख है राम रो, बाकी सगला चोर।

    दिन थोड़ो पैंडो घणो, ओघट पड़या घाट।

    औसर मिल्यो भाग सूं, करम भरम दो काट॥

    फूली भगति प्रेम री, जीव सीव एक रूप।

    भीतर राम बसायलो, पार करलो भव कूप॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : जाटों की गौरव गाथा (पृष्ठ 240)
    • संपादक : पेमाराम , विक्रमादित्य
    • रचनाकार : फूलीबाई
    • प्रकाशन : राजस्थानी ग्रंथागार
    • संस्करण : 2016

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