यात्रा वृत्तांत
यात्रा वृत्तांत आधुनिक कथेतर गद्य-विधा है। इसमें यात्रा के क्रम में गंतव्य और पड़ाव से जुड़े विशिष्ट तथ्यों और घटनाक्रमों का स्मृति, अनुभूति और अनुभव के सामंजस्य में सृजनात्मक उपयोग किया जाता है। हिंदी में यात्रा-वृत्तांत-लेखन की परंपरा भारतेंदु से आरंभ हुई जिसने द्विवेदी युग तक पहुँचकर नई साहित्यिक विधा का आकार ग्रहण कर लिया। राहुल सांकृत्यायन ने इस विधा को विशेष प्रतिष्ठा दी। अज्ञेय और नागार्जुन उनके साथ हिंदी साहित्य की ‘घुमक्कड़ बृहतत्रयी’ में शामिल हैं।
के. विक्रम सिंह
केदारनाथ अग्रवाल
आधुनिक हिंदी कविता के प्रमुख कवि और कथाकार। अपने जनवादी विचारों के लिए प्रसिद्ध। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
धर्मवीर भारती
समादृत कवि-कथाकार और अनुवादक। ‘धर्मयुग’ साप्ताहिक के संपादक के रूप में भी चर्चित।
निर्मल वर्मा
समादृत उपन्यासकार-कथाकार और निबंधकार। भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित।
प्रभाष जोशी
बलराज साहनी
भगवतशरण उपाध्याय
भारतेंदु हरिश्चंद्र
भारतीय नवजागरण के अग्रदूत। समादृत कवि, निबंधकार, अनुवादक और नाटककार।
महावीर प्रसाद द्विवेदी
युगप्रवर्तक साहित्यकार-पत्रकार। ‘सरस्वती’ पत्रिका के संपादक के रूप में हिंदी नवजागरण में महत्त्वपूर्ण योगदान।
रामधारी सिंह दिनकर
समादृत कवि और निबंधकार। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।
रामनारायण मिश्र
नागरी प्रचारिणी सभा के संस्थापक सदस्य और सभापति। भारतेंदु युग में साहित्यिक योगदान के लिए उल्लेखनीय।
राहुल सांकृत्यायन
लीला मजूमदार
बांग्ला भाषा की विख्यात लेखिका। संगीत नाटक अकादमी से पुरस्कृत।
विट्ठलदास मोदी
शिवप्रसाद गुप्त
साहित्यसेवी, पत्रकार और स्वतंत्रता-सेनानी। ‘आज’ समाचार-पत्र के प्रकाशन और ‘काशी विद्यापीठ’ की स्थापना के लिए उल्लेखनीय।