गद्य
हिंदी की गद्य-परंपरा से विभिन्न विधाओं की रचनाओं का संग्रह
रघुवीर सहाय
आधुनिक हिंदी कविता के प्रमुख कवि और अनुवादक। अपनी पत्रकारिता और कहानियों के लिए भी प्रसिद्ध। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
रेनर मारिया रिल्के
रमेश उपाध्याय
सातवें दशक के प्रमुख कथाकार। 'कथन' के संस्थापक-संपादक।
रमाकांत
रवींद्र केलेकर
रवींद्र कालिया
साठोत्तरी पीढ़ी के सुप्रसिद्ध गद्यकार। संपादक के रूप में उल्लेखनीय।
रवींद्रनाथ टैगोर
समादृत बहुविद कवि-साहित्यकार-चित्रकार-दार्शनिक और समाज-सुधारक। राष्ट्रीय गान के रचयिता। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।
रांगेय राघव
प्रगतिशील कथाकार। कहानी, उपन्यास, नाटक, आलोचना, अनुवाद आदि गद्य विधाओं के साथ-साथ पद्य लेखन में भी प्रवीण। 'मुर्दों का टीला' ख्याति का मूल आधार।
राजकमल चौधरी
अकविता दौर के कवि-कथाकार और अनुवादक। जोखिमों से भरा बीहड़ जीवन जीने के लिए उल्लेखनीय।
राजेंद्र यादव
‘नई कहानी’ आंदोलन के प्रमुख कहानीकार-उपन्यासकार। ‘हंस’ पत्रिका के संपादक के रूप में चर्चित। लेखन के शुरुआती दौर में एक कविता-संग्रह 'आवाज़ तेरी है' शीर्षक से प्रकाशित।
राजेन्द्रसिंह बेदी
राजा शिवप्रसाद सितारे हिंद
आरंभिक हिंदी गद्य के उन्नायक। नागरी लिपि के प्रयोग हेतु प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए उल्लेखनीय।
राधाचरण गोस्वामी
द्विवेदी युग के कथाकार-उपन्यासकार। अपनी विशिष्ट कथा-शैली के लिए उल्लेखनीय।
रामअवध द्विवेदी
रामचंद्र तिवारी
हिन्दी गद्य और आलोचना के अधिकारी विद्वान्। संतुलित आलोचक। 'हिन्दी का गद्य साहित्य' नामक कृति के लिए ख्यात।
रामधारी सिंह दिनकर
समादृत कवि और निबंधकार। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।
रामनारायण मिश्र
नागरी प्रचारिणी सभा के संस्थापक सदस्य और सभापति। भारतेंदु युग में साहित्यिक योगदान के लिए उल्लेखनीय।
रामप्रसाद बिस्मिल
रामबक्ष जाट
आलोचक और शिक्षाविद्। प्रेमचंद-साहित्य के गंभीर अध्येता। संस्मारणात्मक कृति 'मेरी चिताणी' के लिए चर्चित।
रामविलास शर्मा
समादृत आलोचक। अज्ञेय द्वारा संपादित ‘तार सप्तक’ के कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
रामस्वरूप चतुर्वेदी
सुप्रसिद्ध काव्य-आलोचक और साहित्य-इतिहासकार। व्यास सम्मान से सम्मानित।
राय कृष्णदास
प्रसादयुगीन महत्त्वपूर्ण कवि-गद्यकार-संपादक और कला-इतिहासकार। भारतीय कला आंदोलन में योगदान और गद्य-गीत के प्रणयन के लिए उल्लेखनीय।