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गद्य

हिंदी की गद्य-परंपरा से विभिन्न विधाओं की रचनाओं का संग्रह

सुपरिचित कहानीकार। चार कहानी-संग्रह प्रकाशित।

‘बिहगी कवि’ के रूप में समादृत असमिया कवि-लेखक-संपादक। प्रकृति-विषयक कविताओं के लिए उल्लेखनीय।

समादृत गुजराती उपन्यासकार, कवि, आलोचक और स्तंभकार। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

आधुनिक हिंदी कविता के प्रमुख कवि और अनुवादक। अपनी पत्रकारिता और कहानियों के लिए भी प्रसिद्ध। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

9वीं शताब्दी में कश्मीर क्षेत्र में सक्रिय सुप्रसिद्ध संस्कृत काव्यशास्त्री। 'काव्यालंकार' कृति के लिए उल्लेखनीय।

गौड़ीय वैष्णव परंपरा के प्रमुख आचार्य, संत, भक्त, कवि और दार्शनिक।

समादृत भारतीय संत, जीवन-मुक्त और दार्शनिक। 'मैं कौन हूँ?' के आत्म-अन्वेषण मार्ग के प्रतिपादक।

सातवें दशक के प्रमुख कथाकार। 'कथन' के संस्थापक-संपादक।

रूमी

1207 -1273

संसारप्रसिद्ध सूफ़ी कवि और रहस्यवादी संत। 'मसनवी-ए-मा’नवी', 'फ़िहि माफ़ीह' और 'दीवान-ए-शम्स तबरेज़ी' उल्लेखनीय कृतियाँ।

समादृत बहुविद कवि-साहित्यकार-चित्रकार-दार्शनिक और समाज-सुधारक। राष्ट्रीय गान के रचयिता। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

साठोत्तरी पीढ़ी के सुप्रसिद्ध गद्यकार। संपादक के रूप में उल्लेखनीय।

रूसो

1712 -1778

18वीं सदी के महान दार्शनिक, लेखक, राजनीतिक चिंतक और समाज सुधारक।

प्रगतिशील कथाकार। कहानी, उपन्यास, नाटक, आलोचना, अनुवाद आदि गद्य विधाओं के साथ-साथ पद्य लेखन में भी प्रवीण। 'मुर्दों का टीला' ख्याति का मूल आधार।

अकविता दौर के चर्चित कवि-कथाकार। भाषा में गद्य के क्रोध और कविता की करुणा के लिए चिह्नित।

‘नई कहानी’ आंदोलन के प्रमुख कहानीकार-उपन्यासकार। ‘हंस’ पत्रिका के संपादक के रूप में चर्चित। लेखन के शुरुआती दौर में एक कविता-संग्रह 'आवाज़ तेरी है' शीर्षक से प्रकाशित।

आरंभिक हिंदी गद्य के उन्नायक। नागरी लिपि के प्रयोग हेतु प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए उल्लेखनीय।

समादृत समाजशास्त्री, चिंतक और कवि-लेखक। 'इंडियन सोसाइटी', 'कल्चर एंड सोसाइटी', 'सोशल थिंकिंग इन इंडिया' आदि कृतियों के रूप में अपूर्व योगदान।

द्विवेदी युग के कथाकार-उपन्यासकार। अपनी विशिष्ट कथा-शैली के लिए उल्लेखनीय।

समादृत लेखक और चित्रकार। पद्मभूषण से सम्मानित।

समादृत कवि, एकांकीकार और आलोचक। पद्मभूषण से सम्मानित।

हिन्दी गद्य और आलोचना के अधिकारी विद्वान्। संतुलित आलोचक। 'हिन्दी का गद्य साहित्य' नामक कृति के लिए ख्यात।

समादृत कवि और निबंधकार। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

छायावादी कवि और गद्यकार। ग्रामगीतों के संकलन के लिए स्मरणीय।

नागरी प्रचारिणी सभा के संस्थापक सदस्य और सभापति। भारतेंदु युग में साहित्यिक योगदान के लिए उल्लेखनीय।

आलोचक और शिक्षाविद्। प्रेमचंद-साहित्य के गंभीर अध्येता। संस्मारणात्मक कृति 'मेरी चिताणी' के लिए चर्चित।

स्वतंत्रता सेनानी, समाजवादी नेता और प्रखर चिंतक। 'भारत में समाजवाद', 'जाति और राजनीति', 'संपत्ति और समाजवाद' आदि उल्लेखनीय कृतियाँ।

समादृत आलोचक। अज्ञेय द्वारा संपादित ‘तार सप्तक’ के कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

सुप्रसिद्ध काव्य-आलोचक और साहित्य-इतिहासकार। व्यास सम्मान से सम्मानित।

प्रसादयुगीन महत्त्वपूर्ण कवि-गद्यकार-संपादक और कला-इतिहासकार। भारतीय कला आंदोलन में योगदान और गद्य-गीत के प्रणयन के लिए उल्लेखनीय।

समादृत तेलुगु कवि-गीतकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।