गद्य
हिंदी की गद्य-परंपरा से विभिन्न विधाओं की रचनाओं का संग्रह
लुइजी पिरण्डेलो
1867 -1936
लल्लू लाल जी
1763 -1835
आगरा
आरंभिक दौर के चार प्रमुख गद्यकारों में से एक। खड़ी बोली गद्य की आरंभिक कृतियों में से एक ‘प्रेमसागर’ के लिए उल्लेखनीय।
लीलाधर मंडलोई
1953
छिंदवाड़ा
सुपरिचित कवि-गद्यकार और संपादक। भाषिक वैभव और आदिवासी-लोक-संवेदना के लिए उल्लेखनीय।