कवयित्रियाँ
स्त्री-विमर्श भारतीय समाज और साहित्य में उभरे सबसे महत्त्वपूर्ण विमर्शों में से एक है। स्त्री-जीवन, स्त्री-मुक्ति, स्त्री-अधिकार और मर्दवाद और पितृसत्ता से स्त्री-संघर्ष को हिंदी कविता ने एक अरसे से अपना आधार बनाया हुआ है। यह प्रस्तुति हिंदी कविता के इस स्त्री-स्वर को ही समर्पित है।
हिंदी की सुपरिचित कवयित्री और कथाकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
पंजाबी की लोकप्रिय कवयित्री-लेखिका। भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित।
मराठी की सुपरिचित कवयित्री-कथाकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
अज्ञेय द्वारा संपादित ‘तीसरा सप्तक’ की कवयित्री। प्रसिद्ध साहित्यकार अजित कुमार की बहन।
नई पीढ़ी की कवयित्री। शोध, गद्य-लेखन और अनुवाद-कार्य में भी सक्रिय।
रीतिकाल के अंतिम वर्षों में सक्रिय कवयित्री। भक्ति, नीति और शृंगार कविता के वर्ण्य-विषय।
सुपरिचित कवयित्री-कथाकार और अनुवादक। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।
आधुनिककाल की अलक्षित कवयित्री। इतिवृतात्मक शैली में राष्ट्रप्रेम को कविताओं का वर्ण्य-विषय बनाया।
सुपरिचित लेखिका। लोकचित्रकला, कविता और ललित निबंध के सृजन में सिद्धहस्त।
नवें दशक की कवयित्री। जनवादी संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय।
नवें दशक की महत्त्वपूर्ण कवयित्री। ‘एक क़स्बे के नोट्स’ शीर्षक उपन्यास के लिए उल्लेखनीय। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित
इस सदी में सामने आईं हिंदी कथाकार। समय-समय पर काव्य-लेखन भी।
सुपरिचित मराठी कवयित्री। कविता में स्त्री स्वर के लिए उल्लेखनीय।
समादृत डोगरी कवयित्री और उपन्यासकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
नई पीढ़ी की कवयित्री-कथाकार। लोक-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय। 'इसे कविता की तरह न पढ़िए' शीर्षक से एक कविता-संग्रह प्रकाशित।