बिना जड़ का पेड़
राजा के दरबार में एक व्यापारी संदूक़ के साथ पहुँचा। उसने गर्व से कहा, ‘महाराज, मैं व्यापारी हूँ और बिना बीज एवं पानी के पेड़ उगाता हूँ। आपके लिए मैं एक अद्भुत उपहार लाया हूँ, लेकिन आपके दरबार में एक-से-एक ज्ञानी ध्यानी हैं, इसलिए पहले मुझे कोई यह बताए