उमाकांत मालवीय का परिचय
नवगीत आंदोलन के उन्नायकों में से एक उमाकांत मालवीय का जन्म 2 अगस्त 1931 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था। पिता की मृत्यु के बाद वह इलाहाबाद आ गए और यहीं प्रयाग विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा पूरी की। उन्होंने काव्य सृजन के लिए नवगीत विधा को अपनाया और अपने ज़माने के कवि-सम्मेलनों में उनकी बड़ी धूम रही। उन्हें कवि-सम्मेलनों के एक कुशल संचालक के रूप में भी याद किया जाता है। उन्होंने गीत विधा में प्रयोगवाद के समन्वय का प्रयास किया जिसे ऐतिहासिक महत्त्व का कार्य माना जाता है। डॉ. शंभुनाथ सिंह उन्हें ‘नवगीत का भागीरथ’ कहा करते थे।
‘मेहँदी और महावर’, ‘सुबह रक्त पलाश की’ और ‘एक चावल नेह रींधा’ उनके नवगीत-संग्रह हैं। उनके काव्य-संग्रह ‘देवकी’ और ‘रक्तपथ’ के रूप में प्रकाशित हैं। उन्होंने एक खंड-काव्य ‘अभिशप्त अमरबेलि’ की भी रचना की है। इसके अतिरिक्त उन्होंने रेडियो वार्ता, रेडियों नाटक, ललित निबंध और बाल-साहित्य में भी योगदान किया है। उन्हें उनके नवगीतों की उदात्त रागात्मकता और जन-सरोकारी स्वर के लिए प्रतिष्ठा से देखा जाता है।
19 नवम्बर, 1982 को 51 वर्ष की अल्पायु में इलाहाबाद में उनका निधन हो गया। यश मालवीय और अंशु मालवीय उनके परिवार की दूसरी पीढ़ी के सुपरिचित कवि हैं।