स्वाति मेलकानी का परिचय
नई पीढ़ी की कवयित्री स्वाति मेलकानी का जन्म 29 अप्रैल 1984 को नैनीताल के पटवाडांगर में हुआ। उन्होंने भौतिकविज्ञान एवं शिक्षाशास्त्र में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की है और एक छोटे से क़स्बे लोहाघाट के एक स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्राध्यापिका हैं।
अपना परिचय देते हुए वह कहती हैं- "मैंने जब होश सँभाला तो दुनिया में ख़ुद के होने (और ख़ुद दुनिया के होने) का कोई ख़ास मक़सद (और मतलब) समझ में नहीं आया। इसी मतलब की तलाश के रास्ते खोजे तो जानकारों ने बताया की एक रास्ता साहित्य से होकर भी जाता है। साहित्य के शहर में मुझे कविता वाली गली कुछ-कुछ अपने टाइप की लगी, सो मैंने वही पकड़ ली। तीन चार कहानियाँ भी लिखी हैं पर मेरा पहला प्यार तो कविता ही है।"
उनकी कविताओं की पांडुलिपि भारतीय ज्ञानपीठ की नवलेखन प्रतियोगिता में अनुशंसित की गई थी जो ‘जब मैं ज़िंदा होती हूँ’ कविता-संग्रह के रूप में प्रकाशित हुई। वह प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं और वेब माध्यमों में भी प्रकाशित होती रही हैं।