noImage

सुरेंद्र वर्मा

सुरेंद्र वर्मा की संपूर्ण रचनाएँ

उद्धरण 17

दरिद्रता अभिशाप है और वरदान भी। वह व्यक्ति रूप में एक विशिष्ट समय तक तुम्हारा परिसंस्कार करती है—पर यह अवधि दीर्घ नहीं होनी चाहिए।

  • शेयर

स्वीकार करना बहुत पीड़ादायक होता है, पर जीने के लिए करना होता है।

  • शेयर

असफल कवि सफल शिक्षक नहीं हो सकता।

  • शेयर

जिनके पास साधन होते हैं, उनके पास दृष्टि नहीं होती, जिनके पास दृष्टि होती है—केवल वही होती है, और शून्य होता है।

  • शेयर

रोहिणी को केवल चंद्रमा ही चाहिए।

  • शेयर

Recitation

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

पास यहाँ से प्राप्त कीजिए