Font by Mehr Nastaliq Web
noImage

सुधाकर द्विवेदी

1860 - 1910 | बनारस, उत्तर प्रदेश

मूलतः गणितज्ञ और ज्योतिषाचार्य। हिंदी भाषा और नागरी लिपि के प्रबल पक्षधर। 'नागरी प्रचारिणी सभा' के सभापति भी रहे।

मूलतः गणितज्ञ और ज्योतिषाचार्य। हिंदी भाषा और नागरी लिपि के प्रबल पक्षधर। 'नागरी प्रचारिणी सभा' के सभापति भी रहे।

सुधाकर द्विवेदी की संपूर्ण रचनाएँ

दोहा 25

बाना पहिरे बड़न का, करै नीच का काम।

ऐसे ठग को मिलै, निरकहु में कहुँ ठाम॥

  • शेयर

बिन गुन जड़ कुछ देत हैं, जैसे ताल तलाब।

भूप कूप की एक गति, बिनु गुन बूँद पाव॥

  • शेयर

मत झगरन महँ मत परहु, इन महँ तनिक सार।

नर हरि करि खर घोर वर, सब सिरजो करतार॥

  • शेयर

सहजहि जौ सिखयो चहहु, भाइहि बहु गुन भाय।

तौ निज भाषा मैं लिखहु, सकल ग्रंथ हरखाय॥

  • शेयर

सिद्ध भये तो क्या भया, किये जग उपकार।

जड़ कपास उनसे भला, परदा राखनहार॥

  • शेयर

पद 4

 

Recitation

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

टिकट ख़रीदिए