सत्येंद्र कुमार का परिचय
नवें दशक के कवि सत्येंद्र कुमार की गिनती हिंदी-पट्टी के एक्टिविस्ट कवियों में होती है। वह गया (बिहार) में रहते हैं और जनवादी लेखक संघ से संबद्ध रहे हैं। उन्हें अपने ढंग का हरफनमौला कवि कहा जाता है जो कविता और समाज के लिए पूरी तरह सतत मुस्तैद रहे हैं।
उनकी कविताओं के दो संग्रह ‘आशा इतिहास से संवाद है’ और ‘हे गार्गी’ शीर्षक से शाया हो चुके हैं। उनकी कविताएँ प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं। उनकी कुछ कविताओं के बांग्ला और उर्दू अनुवाद हुए हैं। उनका एक कहानी-संग्रह ‘इंतज़ार’ शीर्षक से प्रकाशित है।