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शहर, अतीत और अंत के लिए
शहर शहर अपने आपमें कितना कुछ समेटे रहता है—बहुत सारी त्रासदी, पलायन, सांप्रदायिक दंगे और बहुत सारी ख़ुशियाँ भी। आप बहुत दिनों तक अकेले पड़े रहते हैं—
By प्रदीप्त प्रीत | 14 जुलाई 2023
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By प्रदीप्त प्रीत | 03 अक्तूबर 2023