मुद्राराक्षस का परिचय
जन्म : 21/06/1933 | लखनऊ, उत्तर प्रदेश
निधन : 13/06/2016
हिंदी के प्रसिद्ध लेखक, उपन्यासकार, नाटककार, आलोचक तथा व्यंग्यकार मुद्राराक्षस का जन्म 21 जून 1933 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश के एक गाँव बेहटा में हुआ था। गाँव में ही उनकी सारी प्रारंभिक शिक्षा हुई, फिर उच्च शिक्षा के लिए लखनऊ आ गए। बाद में वे कलकत्ता चले गए थे। फिर उतरार्द्ध में लखनऊ वापस आ गए थे। प्रारंभिक रचनाएँ 1951 से छपनी शुरू हो गई थीं। कविता, कहानी, उपन्यास, आलोचना, व्यंग्य, नाटक, इतिहास, संस्कृत और समाज शास्त्रीय अध्ययन जैसे क्षेत्र में उनकी लेखनी रवानगी पाती रही।
लंबी बीमारी के बाद 83 वर्ष की उम्र में 13 जून 2016 को लखनऊ में उनका निधन हुआ।
मूल नाम सुभाष चंद्र आर्य (गुप्ता) था। उनके शिक्षक और हिंदी के समादृत आलोचक डॉ. देवराज ने अपनी पत्रिका ‘युग चेतना’ में उनका एक लेख ‘मुद्राराक्षस’ के छद्म नाम से छापा था, जिसमें उन्होंने हिंदी कविता के ‘प्रयोगवाद आंदोलन’ को ‘एक्सपेरिमेंटल राइटिंग इन अमेरिका’ का नकल कहा था। इसी के बाद उन्होंने अपना साहित्यिक नाम, जो कि बाद में सर्व-प्रचलित हो गया, मुद्राराक्षस रख लिया।
मुद्राराक्षस एक लेखक मात्र न थे बल्कि एक ऐसे सार्वजनिक बुद्धिजीवी थे जो हाशिये के समाज के मुद्दों और संघर्षों के सक्रिय सहभागी थे। मार्क्सवाद, लोहियावाद और आंबेडकरवाद से अपनी वैचारिक मनोभूमि निर्मित करते हुए उन्होंने अंततः अपने व्यक्तित्व को ‘ऑर्गेनिक इंटलेक्चुअल- आवयविक बुद्धिजीवी’ की भूमिका में ढाल लिया था। किसी बड़े ओहदे और कुलीन विरासत से वंचित मुद्रा जी ने हिंदी के वृहत्तर समाज में अपनी गहरी पैठ बनाई। विवाद, आमने-सामने की मुठभेड़, महानताओं का मर्दन, सत्ता-प्रतिष्ठान का प्रतिपक्षी होना उनके व्यक्तित्व की खास विशेषताएँ थीं। अज्ञेय, दिनकर से लेकर धर्मवीर भारती और नामवर सिंह तक से वैचारिक लड़ाइयाँ लड़ते हुए उन्होंने कुलीन संस्कृति और सत्ता-समर्थित समाज का जो प्रतिपक्ष रचा वह उनकी मौलिक रचनात्मकता थी।
दलित समाज और उनके बुद्धिजीवियों के बीच उनकी अद्भुत स्वीकार्यता और लोकप्रियता थी। यद्यपि वे स्वयं जन्मना दलित नहीं थे लेकिन दलित और आंबेडकरवादी संगठनों ने उन्हें ‘शूद्राचार्य’ और ‘दलित रत्न’ की उपाधि और सम्मान से विभूषित किया था।
उनकी प्रकाशित रचनाओं की एक अपूर्ण सूची (कालक्रमानुसार) :
बिना तारीख़. लिबिडो. दिल्ली: नवयुग प्रकाशन. छॊटा उपन्यास. सुभाष चंद्र के नाम से.
1966. मरजीवा. दिल्ली: राजेश प्रकाशन. (मुद्राराक्षस की लिखी हुई `आकाशभाषित' - 1974.) नाटक.
1972. योअर्स फेथफुली. दिल्ली: राजेश प्रकाशन. (मुद्राराक्षस की लिखी हुई भुमिका - 1974.) नाटक.
1975. तेन्दुआ. दिल्ली: राजेश प्रकाशन. नाटक.
1975. अचला एक मनःस्थिति. दिल्ली: लिपि प्रकाशन. छोटा उपन्यास।
1977. चींटीपुरम् के भूरेलाल. दिल्ली: लिपि प्रकाशन. बालसाहित्य.
1978. भगोड़ा. दिल्ली: साहित्य सहकार. छोटा उपन्यास.
1979. गुफ़ाएँ. दिल्ली: लिपि प्रकाशन. नाटक.
1980. शोक संवाद. दिल्ली: वाणी प्रकाशन. उपन्यास.
1980. सन्तोला. दिल्ली: वाणी प्रकाशन. नाटक.
1980. मेरा नाम तेरा नाम. कानपुर: साहित्य रत्नालय. उपन्यास.
1981. हम सब मंसाराम. दिल्ली: साहित्य सहकार. छोटा उपन्यास.
1983 (second printing). आला अफसर. दिल्ली: अक्षर प्रकाशन. नौटंकी.
1983. मेरी कहानियाँ. दिल्ली: दिशा प्रकाशन. कहानी संग्रह.
1984 (second edition). सुनॊ भइ साधॊ. दिल्ली: किताबघर प्रकाशन. निबंध और व्यंग्य.
1984. शब्द दंश. दिल्ली: लिपि प्रकाशन. कहानियाँ.
1986. दंड-विधान. दिल्ली: राधाकृ़ष्ण प्रकाशन. उपन्यास. Translated as The Hunted by Robert A. Hueckstedt (Delhi: Penguin Books India, 1992.)
1986. डाकू. दिल्ली: पुस्तकायन. नौटंकी.
1992. मथुरादास की डायरी. दिल्ली: जगतराम एण्ड सन्स. निबंध और व्यंग्य.
1992. प्रतिहिंसा तथा अन्य कहानियाँ. दिल्ली: विकास पेपरबैक्स. कहानियाँ.
1995. प्रपंचतंत्र. दिल्ली: किताबघर प्रकाशन. उपन्यास.
1995. एक और प्रपंचतंत्र. दिल्ली: किताबघर प्रकाशन. उपन्यास.
2004. नई सदी की पहचान—श्रेष्ठ दलित कहानियाँ. लोकभारती प्रकाशन. कहानियाँ.
2004. धर्मग्रन्थों का पुनर्पाठ. इलाहाबाद: साहित्य उपक्रम (इतिहासबोध प्रकाशन). धर्म और इतिहास.
2006. सरला, बिल्लू और जाला. आत्मराम एण्ड सन्स. बालसाहित्य.
2009. नारकीय. वाणी प्रकाशन. उपन्यास.
2010. कालातीत. किताबघर प्रकाशन. संस्मरण.
2012. अर्धवृत्त. दिल्ली: किताबघर प्रकाशन. उपन्यास
सम्मान:
उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी सम्मान
उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का साहित्य भूषण सम्मान
केन्द्रीय संगीत नाटक अकादमी सम्मान
शूद्र महासभा का शूद्राचार्य सम्मान
अंबेडकर महा सभा का दलित रत्न सम्मान