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मधुसूदन राव

1853 - 1912 | पुरी, ओड़ीशा

‘भक्तकवि’ के रूप में समादृत ओड़िया कवि-लेखक। आध्यात्मिक चेतना के गीतों के लिए उल्लेखनीय।

‘भक्तकवि’ के रूप में समादृत ओड़िया कवि-लेखक। आध्यात्मिक चेतना के गीतों के लिए उल्लेखनीय।

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