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कृष्णा सोबती

1925 - 2019 | गुजरात, पंजाब

समादृत कहानीकार। साहित्य अकादेमी और भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित।

समादृत कहानीकार। साहित्य अकादेमी और भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित।

कृष्णा सोबती का परिचय

जन्म : 18/02/1925 | गुजरात, पंजाब

निधन : 25/01/2019

नई कहानी के दौर की चर्चित महिला कहानीकारों की त्रयी में एक। अन्य दो, मन्नू भंडारी और उषा प्रियंवदा हैं। 

 

कृष्णा सोबती का जन्‍म पंजाब प्रांत के गुजरात शहर में 18 फरवरी 1925 को हुआ थाजो अब पाकिस्तान में है। इनके परिवार के लोग ब्रिटिश सरकार में मुलाजिम थे। भारत का विभाजन के समय इनका परिवार भारत लौट आया।

 

इनका परिवार दो साल तक सिरोही, राजस्थान के महाराजा तेज सिंह के संरक्षण में रहा।

 

कृष्णा सोबती की शिक्षा दिल्ली और शिमला में हुई और दिल्ली ही अंत तक उनका निवास रहा।

 

कृष्णा सोबती 23 वर्ष की आयु से ही लेखन में सक्रिय रही हैं। उनकी पहली कहानी ‘सिक्का बदल गया है’ अज्ञेय द्वारा संपादित ‘प्रतीक’ में जुलाई, 1948 को प्रकाशित हुई थी।

 

 

कालांतर में इनका कहानीसंग्रह ‘बादलों के घेरे में’ और लगभग उपन्यासिका को स्पर्श करती इनकी लंबी कहानियाँ मित्रो डार से बिछुड़ी, मरजानी, ऐ लड़कीडार से बिछुड़ीयारों के यारतिन पहाड़ आदि प्रकाशित हुईं। इनके चर्चित उपन्यासों में जिंदगीनामा, दिलोदानिश और समाए सरगम है। हम हशमत, सोबती एक सोहबत, सोबती-वैद संवाद जैसी कथेत्तर गद्य की अन्य चर्चित पुस्तकें हैं।

 

उनकी रचनाओं में पंजाब के ग्रामीण-कृषक महिलाओं के जीवन के खुरदुरेपन और उनकी ग्राम्य-यौनिकता को चित्रण है। यह चित्रण ही उन्हें शहरी मध्यवर्ग की महिलाओं के चित्रण करने वाले अपने समकालीनों के से अलग करता है।

 

साहित्य अकादमी की महत्तर सदस्यता समेत, हिंदी अकादमीदिल्ली की ओर से वर्ष 2000-2001 के शलाका सम्मान और 2017 के 53वाँ ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

 

लंबी बीमारी के उपरांत 25 जनवरी 2019 को दिल्ली के एक निजी अस्पताल में निधन हुआ।

 

 

प्रकाशित कृतियाँ

कहानी संग्रह-

बादलों के घेरे- 1980

 

 

लंबी कहानी (आख्यायिका/उपन्यासिका)-

डार से बिछुड़ी- 1958

मित्रो मरजानी- 1967

यारों के यार- 1968

तिन पहाड़- 1968

ऐ लड़की- 1991

जैनी मेहरबान सिंह- 2007 (चल-चित्रीय पटकथा; 'मित्रो मरजानीकी रचना के बाद ही रचितपरंतु चार दशक बाद 2007 में प्रकाशित)

 

 

उपन्यास-

सूरजमुखी अँधेरे के -1972

ज़िंदगीनामा- 1979

दिलोदानिश- 1993

समय सरगम- 2000

गुजरात पाकिस्तान से गुजरात हिंदुस्तान -2017 (निजी जीवन को स्पर्श करती औपन्यासिक रचना)

 

 

विचार-संवाद-संस्मरण-

हम हशमत (तीन भागों में)

सोबती एक सोहबत

शब्दों के आलोक में

सोबती वैद संवाद

मुक्तिबोध : एक व्यक्तित्व सही की तलाश में -2017

लेखक का जनतंत्र -2018

मार्फ़त दिल्ली -2018

 

 

यात्रा-आख्यान-

बुद्ध का कमंडल : लद्दाख़

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