ज्ञानरंजन की कहानियाँ
पिता
उसने अपने बिस्तरे का अंदाज़ लेने के लिए मात्र आध पल को बिजली जलाई। बिस्तरे फ़र्श पर बिछे हुए थे। उसकी स्त्री ने सोते-सोते ही बड़बड़ाया, ‘आ गए’ और बच्चे की तरफ़ करवट लेकर चुप हो गई। लेट जाने पर उसे एक बड़ी डकार आती मालूम पड़ी, लेकिन उसने डकार ली नहीं। उसे