देवेंद्र शर्मा इंद्र का परिचय
सुचर्चित गीतकार देवेंद्र शर्मा इंद्र का जन्म 01 अप्रैल 1934 को आगरा के नगला अकबरा में हुआ था।
‘पथरीले शोर में’, ‘पंखकटी महराबें’, ‘कुहरे की प्रत्यंचा’, ‘ चुप्पियों की पैंजनी’, ‘दिन पाटलिपुत्र हुए’, ‘आँखों में रेत-प्यास’, ‘पहनी हैं चूड़ियाँ नदी ने’, ‘अनंतिमा’, ‘घाटी में उतरेगा कौन’, ‘हम शहर में लापता हैं’, ‘गंधमादन के अहेरी’ और ‘एक दीपक देहरी पर’ उनके नवगीत-संग्रह हैं। उनका एक खंड-काव्य ‘कालजयी’ शीर्षक से प्रकाशित है। ‘आँखों खिले पलाश’,‘सेंदुर-सा दिन घुल उठा’, ‘तन्हा खड़ा बबूल’ उनके दोहा-संग्रह हैं। ‘धुएँ के पुल’ और ‘भूला नहीं हूँ मैं’ उनके ग़ज़ल-संग्रह हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने ‘ताज की छाया में’ (कविता संग्रह), ‘यात्रा में साथ-साथ’ (नवगीत संग्रह) और ‘सप्तपदी’ (दोहा संग्रह) का संपादन भी किया है।
उन्हें विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया है।