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बृजेश्वर सिंह

1968 | बरेली, उत्तर प्रदेश

सुपरिचित लेखक, कवि और थिएटर प्रमोटर।

सुपरिचित लेखक, कवि और थिएटर प्रमोटर।

बृजेश्वर सिंह का परिचय

सुपरिचित लेखक, कवि।  बृजेश्वर सिंह पेशे से ऑर्थोपेडिक सर्जन हैं। उनका जन्म 1968 में लखनऊ में हुआ। वहाँ सिटी मॉन्टेसरी स्कूल में शुरुआती पढ़ाई-लिखाई सीखी। पिता का तबादला हुआ तो बरेली आकर रहने लगे और फिर यहीं बस गए। बरेली के राजकीय इंटर कॉलेज से बारहवीं पास की। लखनऊ में किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज से एम.बी.बी.एस. और फिर कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज से एम.एस. (ऑर्थोपेडिक्स) किया। बहैसियत सर्जन नई दिल्ली में काम करते हुए शुरुआती दिनों में ही नाटक देखने का मौक़ा मिला। पहला नाटक “तुम्हारी अमृता” देखा तो फ़ारूख़ शेख़ और शबाना आज़मी की एक्टिंग से प्रभावित हुए और फिर अक्सर नाटक देखने लगे। लिखने-पढ़ने का शौक़ भी परवान चढ़ा। अब तक बरेली में विंडरमेयर थिएटर फ़ेस्टिवल के 14 संस्करण आयोजित कर चुके हैं, जिनमें 121 नाटकों का मँचन हुआ। उन्होंने रंग विनायक रंगमंडल नाम से एक नाट्य मंडली भी बनाई है, जिसने अब तक 50 से अधिक नाटक तैयार किए हैं। डॉ. बृजेश्वर ने ख़ुद भी दो नाटक लिखे हैं। पहला “पैलैडिन” और दूसरा ”ज़िंदगी ज़रा सी है”। रंगमँच की सेवा करने की बदौलत उन्हें कई प्रतिष्ठित सम्मान मिल चुके हैं। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी ने उन्हें “नाट्य कला उन्नयन पुरस्कार 2020” से सम्मानित किया। उनकी दो किताबें “इन एंड आउट ऑफ थिएटर्स” और ”नेक्स्ट पेशेंट, प्लीज़” प्रकाशित हुई हैं। वे हिंदी में कविता भी करते हैं।

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